NEW STEP BY STEP MAP FOR BAGLAMUKHI SHABAR MANTRA

New Step by Step Map For baglamukhi shabar mantra

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अथर्वा प्राण सूत्र् टेलीपैथी व ब्रह्मास्त्र प्रयोग्

मंत्र प्रयोग से पूर्व कन्या पूजन करते हैं किसी भंगी की कन्या(जिसका मासिक न प्रारम्भ हुआ हो) का पूजन करते हैं, एक दिन पूर्व जाकर कन्या की माँ से उसे नहला कर लाने को कहे फिर नए वस्त्र पीले हो तो अति उत्तम, पहना कर, चुनरी ओढ़ा कर ऊँचे स्थान  पर बैठा कर, खुद उसके नीचे बैठे व हृदय में भावना करे कि मैं माँ का श्रिंगार व पूजन कर रहा हूँ, इस क्रिया में भाव ही प्रधान होता है

 इस मंत्र का प्रयोग आजमाने हेतु या निरपराधी व्यक्ति पर भूल कर न करें नहीं तो दुष्परिणाम भोगने ही पड़ जाता है।

ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥

ॐ ह्लीं बगलामुखि सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिव्हां कीलय बुद्धिं विनाशय ह्लीं ॐ स्वाहा॥

Then wipe her with a towel, make her don new slippers, and feed her yellow-colored foods along with your very own hands and observe, for from time to time the Female's toes or confront start off appearing yellow.

“Aum Hreem Baglamukhi sarv dushtanaam vaacham mukham padam stambhyaJivhaam keelya, buddhim vinaashya hreem aum swaaha”

This mantra shouldn't be utilized as an experiment or on an innocent man or woman, if not, you'll have to endure the consequences.

कलि बिलोकि जग हित हर गिरिजा। साबर मंत्र जाल जिन्ह सिरिजा॥

They can improve powerless when seeking to act versus you and their vicious plots will flip futile and ineffective. • Pupils get great marks and obtain a concentrated thoughts to focus on the research improved. • The devotee triumphs above lawsuits and succeeds in quarrels and competitions. • If you will discover fluctuations in your daily life, this mantra might help harmony the optimistic and negative aspects and create harmony in dwelling and lifestyle.

Shabar Mantra is a listing of strong local mantras to fulfil wants. It's check here been built in lots of regional texts, not merely Sanskrit. That may be why, popular relate to it and its influence.

दीयते ज्ञान विज्ञानं क्षीयन्ते पाप-राशय: ।

महादेव और पार्वती ने ही मनुष्यों के दुख निवारण हेतु शाबर मंत्रों की रचना की। शाबर ऋषि व नव नाथों ने भी कलियुग में मनुष्यों के दुखों को देखते हुए की व सहज संस्कृत ना पढ़ पाने के कारण भी है, आँख की पीड़ा-अखयाई ,कांख की पीड़ा -कखयाइ, पीलिया, नेहरूआ, ढोहरूआ, आधासीसी ,नज़र भूत प्रेत बाधा से मुक्ती हेतु ही की थी जिससे उपचार में विशेष सहायता प्राप्त हुई और रोगी का ततछण आराम मिल जाता है। आज भी झाड़ा लगवाने कुछेक असाध्य रोगों के विशेष प्रभाव शाली है,

आन हरो मम संकट सारा, दुहाई कामरूप कामाख्या माई की।‘‘

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